Dance(नृत्य)


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चार वेदो के संयोजन से पांचवा वेद की उत्पत्ति हुई है (ऋग्वेद से "शब्द ",सामवेद से "संगीत",यजुर्वेद से "अभिनय" और अथर्ववेदा से "रस" से मिलकर पांचवा वेद "नाट्यवेद" की उत्पत्ति हुई |)

  • नृत का मतलब है =पद
  • नाट्य का मतलब है =नाटक
  • नृत्य का मतलब है =पद +नाटक +रस
  • नाट्यशास्त्र के रचयिता हैं:-भरतमुनि 
  • अभिनय दर्पण के रचयिता हैं:-नंदिकेश्वर  
  • नृत्य मुद्रा :-108
  • लास्य नृत्य किसके द्वारा किया जाता हैं:-महिला के द्वारा 
  • तांडव नृत्य किसके द्वारा किया जाता हैं:-पुरुष के द्वारा  
शास्त्रीय नृत्य की संख्या कितनी है :-08

  1. भरतनाट्यम(तमिल नायडू)
  2. मोहिनी अट्टम(केरल)
  3. सत्रिया(असम)
  4. कुचिपुड़ी(आंध्र प्रदेश)
  5. मणिपुरी(मणिपुर)
  6. ओडिसी(ओडिसा )
  7. कत्थक(उत्तर प्रदेश)
  8. कथकली(केरल)
  1.भरतनाट्यम(तमिल नायडू)
  • भरतनाट्यम की उत्पत्ति "नाट्यशास्त्र" से हुई है |
  • ये सबसे प्राचीन शास्त्रीय नृत्य है | 
  • भरतनाट्यम के अन्य नाम :-१.दासीअट्टम||२.अग्निनृत्य|| ३.चिन्नमेलम|| ४.सादिर 
  • देवदासी प्रथा समाप्त होने के बाद भरतनाट्यम की उत्पत्ति किसने की थी ?- कृष्णा अय्यर 
  • भरतनाट्यम को  विश्व में किसने प्रसिद्ध किया ?- रुक्मणि देवी अरुंडेल 
  • भरतनाट्यम के मुख्य घटक हैं- अल्लारिपु,जातिस्वरम,शब्दम,वर्णम,पदम्,तिल्लाना 
  • किस नृत्य में पंजे के सहारे घुटने पर बैठते है - भरतनाट्यम 
  • मुख्य कलाकार - मल्लिकासारभाई,मृणालिनी साराभाई,यामिनी कृष्णमूर्ति 
 2.ओडिसी(ओडिसा)

  • ओडिसी नृत्य में जो नृत्यकिया मंदिरो में नाचती थीं उन्हें क्या कहते थे ?- महरिज
  • ओडिसी नृत्य किस राजा और किस धर्म के संरक्षण में था ?-खारवेल(कलिंग का) और जैन धर्म
  • खारवेल(कलिंग का राजा) का पता हमे किस अभिलेख से पता चलता है ?-हाथीगुफा अभिलेख से  
  •  खारवेल की मृत्यु के बाद ओडिसी नृत्य में नृतक(पुरुष) को शामिल किया गया था उन्हें किस नाम से पुकारते थे ?- गोटिपुआ 
  • ओडिसी नृत्य का पता हमे किस पुस्तक में मिला ?- गीत गोबिंद (लेखक-जयदेव) 
  • ओडिसी नृत्य के मुख्य घटक हैं -१.पल्लवी ||२.मंगलाचरण||३.बटु नृत्य||४.मोक्ष||५.थारिजम     
  • ओडिसी नृत्य के मुख्य कलाकार हैं -१.किरण सेंगल||२.सोनल मानसिंह||३.गुरु केलूचरण महापाल|| ४.गुरु पंकज चरणदास 
  • ओडिसी नृत्य में नृतक या नृतकिया को "S " आकर में मोड़ते है | 
 3.कथकली(केरल)
  • "कथ" का मतलब है -कहानी और "कली" का मतलब है -नाट्य  
  •  कथकली को दो भागों में बाटा गया था-१.रमानट्टम || २.कृष्णाट्टम  
  • कथकली के पुनः जन्म का श्रेय "वी.एन मेनन" को जाता हैं | 
  • अच्छाई और बुराई का अंतर कौन सा नृत्य बताता हैं ?-कथकली 
  •  कथकली में चेहरे को चार रंग से दर्शाते हैं -
    १.हरा रंग(कुलीनता/सद्गुणता  का प्रतीक)
    २.लाल रंग(दुष्टता का प्रतीक)
    ३.काला रंग (महादुष्टता का प्रतीक)
    ४.हरा रंग और लाल धब्बे(राजसी{राजा} का प्रतीक)
  • गरीबो की कथकली किसे कहते  हैं ?-ओट्टम तुल्लाम 
  • कथकली के मुख्य कलाकार-१.गुरु कुंचु कुरूप ||२.रीता गांगुली || ३.गोपीनाथ 
 4.सत्रिया(असम)
  • सत्रिया में जो पुरुष भिक्षु का रूप लेता है उसे "भोकोट"कहते हैं |
  • सत्रिया नृत्य को दो भागो में बाटा गया हैं -१.बायनार || २.खरमानर
  • वैष्णव धर्म का प्रचार करने के लिए शंकर देव ने "बोरगीत" गाया हैं |
                                        5.कत्थक(उत्तर प्रदेश)
  • इस नृत्य का प्रयोग ईरानी कला शैली में भी किया गया है |
  • मुख्य घटक:-थाट||टुकड़ा||परन||क्रिमालय||जुगलबंदी||पढंत||तराना||गत भाव||
  • घराने(कत्थक)-(1)लखनऊ घराना-नवाज वाजिद अली
                            (2)
    जयपुर घराना-भानु जी
                            (3)
    बनारस घराना-जानकी प्रसाद
  • मुख्य कलाकार:-बिरजू महाराज ||सितारा देवी||दमयंती जोशी  
6.मोहिनीअट्टम(केरल)
  • मोहिनीअट्टम को तंजौर के राजा द्वारा संरक्षण प्राप्त था |
  • मोहिनीअट्टम के उपनाम:-तेवितिचियाट्टम,दसियाट्टम,नंगलनाटकम
  • मोहिनीअट्टम को पुनः जीवित किया:-वी.एन मेनन और कल्याणी अम्मा(इनको मोहिनीअट्टम की माता )
7.कुचिपुडी(आंध्र प्रदेश)
  • कुचिपुड़ी का नाम आंध्र प्रदेश के एक गांव के नाम पर पड़ा:-कुचलापुरम 
  • कुचिपुड़ी के नृतक को कुचेलावा कहते थे(पहले सिर्फ ब्राम्हण पुरुष ही नृत्य करते थे|
  • कुचिपुड़ी नृत्य का सम्बन्ध किस पुराण से है?- भागवत पुराण
  • कुचिपुड़ी नृत्य में इस्तेमाल होने वाले उपकरण-वायलिन और मृदगम
  • मुख्य कलाकार:-राधा रेड्डी|| राजा रेड्डी|| यामिनी कृष्णमूर्ति   
      
 8.मणिपुरी नृत्य(मणिपुर )
  •  मणिपुरी नृत्य का जिक्र रबिन्द्र नाथ टैगोर की पुस्तक निकेतन में किया गया है |
  • मुख्य कलाकार:-बिम्बवती देवी|| गुरु बिपिन|| झावेरी बहने(१.नैना,२. रंजना,३.दर्शना,३.सुवर्णा)  
लोकगीत+लोकनृत्य
  • उत्तर प्रदेश(बुंदेलखंड)                                                                                            १.देवी नृत्य
    २.ख्याल नृत्य(पुत्र के जन्म के समय)
    ३.सौरा नृत्य(फसल कटाई के समय)
    ४.दीपा नृत्य(अहीर समाज के समय)
    ५.कार्तिक नृत्य(श्रीकृष्ण+गोपी के द्वारा )
    ५.छोड़ा नृत्य(कित्रिम घोडा द्वारा)
    ६.पाई डंडा नृत्य(अहीर समाज द्वारा)

      
  • १.रास नृत्य
    २.रासक दण्ड नृत्य
    ३.झूला नृत्य(श्रवण मॉस  महीनो में)
    ४.मयूर नृत्य (मोर के पंखो के साथ)
    ५.चरकुला नृत्य (रथ के पहिये पर खड़ा रहकर किया जाने वाला नृत्य)
    ६.लठमार होली("बरसाना" में होती है)
  • उत्तर प्रदेश(पूर्वांचल)                                                                        १.नटवरी नृत्य
    २.धोबिया नृत्य (गधे पर बैठकर किया जाने वाला नृत्य)
    ३.कठघोड़वा नृत्य
    ४.कहरुवा नृत्य + धीवर नृत्य (कहर जाती द्वारा किया जाने वाला नृत्य)
    ५.पासी नृत्य
    ६.ढोलिया नृत्य(राजपूत तलवार/ढाल को लेकर किया जाता है)
  •  मिर्जापुर+सोनभद्र
           १.चौलर नृत्(अच्छी वर्षा और फसल )
           २. ठडिया नृत्य(संतान प्राप्ति + सरस्वती माता की पूजा )
           ३. करमा  नृत्य & शीला नृत्य(खखार जाती द्वारा)
           ४. ढरकहरी नृत्य  

  • हिमाचल प्रदेश-छपेली,टंडनव
  • ओडिशा-सवारी 
  • पश्चिम बंगाल-कीर्तन 
  • हरियाणा-खेड़ा,धमाल,मंजीरा 
  • उत्तराखंड-गढ़वाली,कुमाऊनी 
  • जम्मू एंड कश्मीर- राउफ,दमाली,कुद डांडी नाच  
  • नागालैंड-चोंग,खेवा,बांस
  • गुजरात- गरबा,डांडिया
  • अरुणाचल प्रदेश - युद्ध नृत्य,मुखौटा नृत्य 
  • गोवा-दकनी,मांडी,खोल,झाकोर
  • पंजाब-गिद्दा,भांगड़ा
  • झारखण्ड -नागा नृत्य,कली गोपाल,खेल गोपाल,बिछुआ,बिहू पाइका नृत्य ,छऊ नृत्य
  • राजिस्थान-कठपुतली,घूमर,चाकरी,तेराताली,सुइसिनी,पनिघरि 
  • महाराष्ट्र -लावड़ी