औरंगजेब




जन्म:-०3  नवंबर 1618

स्थान :-उज्जैन-दाहोद
पोषण:-नूरजहां

  • औरंगजेब ने अपना पहला राज्याभिषेक(31 जुलाई 1658) (आगरा) सामूगढ़ युद्ध 1658 जीतने के बाद किया।
  • औरंगजेब को उसके पहले राज्याभिषेक में "अबुल मुजफ्फर मोहिउद्दीन मुज्जफर औरंगजेब बहादुर आलमगीर " की उपाधि प्रदान की गयी थीं।
  •  औरंगजेब ने अपना दूसरा राज्याभिषेक देवराई का युद्ध 1659 को जीतकर दिल्ली में संपन्न करवाया। यहाँ इन्हे "बादशाह-गाजी" की उपाधि दी गयी। गाजी का मतलब काफिरो को मारनेवाला |
कुछ खास बातें :-

  • औरंगजेब एक  कट्टर सुन्नी मुस्लमान था।
  • एक मात्र मुग़ल सम्राट जो पांच बार नमाज़ अदा किया करता था।
  • औरेंगजेब के गुरु का नाम:-मुहम्मद हकीम
  • औरंगजेब ने कभी आयाशी नहीं की। फ़िज़ूल का खर्चा नहीं किया। बल्कि वो अपना खुद का खर्च निकलने के लिए टोपी सिलता था। इससे खुश होकर मुसलमानो ने इन्हे दो नाम दिए -1. जिन्दा पीर 2. शहीदरवेज
  • औरंगजेब अपने शाशन का आधार कुरान को माना था।
  • इस्लाम कानून की किताब को शरीयत कहते हैं। इसके अंदर जो भी चीज पर बंदिश थी उन उन को औरंगजेब ने उनपर प्रतिबन्ध लगा दिया।
  • इसके तहत 80 प्रकार के "कर" को समाप्त कर दिया गया। इन्ही 80 में से एक "कर" आबवाब भी समाप्त कर दिया जिसमे दो खण्ड कर "रायदारी(परिवहन कर) और पानदारी(चुंगी कर)" निहित थे।   

औरंगजेब ने प्रतिबन्ध 

  • तुलादान प्रथा-शाशन काल के १२ वे वर्ष
  • झरोखा दर्शन -शाशन काल के ११ वे वर्ष
  • संगीत-नृत्य
  • महिलाओ का मजारो में प्रवेश
  • नवरोज त्यौहार मानना
  • हिन्दू त्यौहार मानना-शाशन काल के १० वे वर्ष {११ वे वर्ष में हिन्दू मंदिर( कशी का कशी विश्वनाथ ,गुजरात का सोमनाथ मंदिर और मथुरा का केशव राय मंदिर ) तोड़ने का आदेश }
  • सिक्को पर कलमा खुदवाना
  • भांग की खेती करना
  • सती प्रथा
  • सती प्रथा पर प्रतिबंध लगाने का पहला अकबर ने किया। पूर्ण रूप से औरंगजेब ने बंद करवाया।
  • कभी कभी औरंगजेब खुश होकर कमरा का दरवाजा बंद कर वीणा बजाता था जबकि उसने संगीत पर प्रतिबन्ध लगाया था।
  • औरंगजेब ने भूराजस्व की नस्ल प्रणाली अपनाई थी। जिसमे उपज का ५०% देना होता था किसानो को।
  • सर्वाधिक हिन्दू सेनापति -औरंगजेब के पास थे।
  • शाहजहां के शाशन काल में औरंगजेब "दक्कन" का सूबेदार था। 
औरंगजेब के विस्तार + विद्रोह 
  • जाट विद्रोह:आगरा और मथुरा का मंदिर "अब्दुल नबी " के द्वारा तोडा जा रहा था। उस समय मथुरा में जाटो का निवास था। जाटो के नेता "गोकुला " ने अब्दुल नबी की हत्या कर दी थी। इस वजह से औरंगजेब और जाटो  के बीच "तिलपत का युद्ध" हुआ ,जिसमे गोकुला की मृत्यु हो गयी। अब नया जाट नेता राजाराम ने औरेंजेब के ऊपर चढाई कर दी जिसमे राजाराम घायल हो गया और भाग कर आगरा के सिकंदराबाद में अकबर के मकबरे में शरण ली। वही पे अकबर की अस्थि को निकाल कर जला दिया। कुछ समय बाद राजाराम की मृत्यु हो गयी। नया जाट राजा "चूड़ामड़ी" बना और जाट विद्रोह जारी रहा औरंगजेब मर गया पर जाटो को समाप्त नहीं कर पाया।चूड़ामणि ने भरतपुर राज्य की स्थापना भी की थी।
  • सतनामी विद्रोह :-नारनौल(पंजाब) और मेवाड़(अलवर)
  •  उत्तरी पश्चिमी सीमांत प्रान्त विद्रोह :-अफ़ग़ानों (1667) की यूसुफजई जाती के कामिल खा और अमीन खा की हत्या भांगू ने  कर दी।
    1672   में अकमल खां ने सम्राट,स्वतंत्र और खुद के सिक्के चलाये। अकमल खां को मारने के लिए औरंगजेब अफगानिस्तान पहुंचा। और इधर दक्षिण के लोगो ने फिर से औरंगजेब के किले पर कब्ज़ा कर लिया।
    जब औरंगजेब मर रहा था तब उसे सबसे ज्यादा पश्चाताप किस विद्रोह का था ?- उत्तरी पश्चिमी सीमांत प्रान्त 
  • बुंदेला विद्रोह 1661 
  • राजपूत विद्रोह 
  • दक्षिण भारत विद्रोह